बुधवार, 30 अक्टूबर 2024

Prostatitis,प्रोस्टेट क्या है।

Prostatitis,प्रोस्टेट क्या है,prostate cancer

Prostatitis,प्रोस्टेट क्या है। 

परिचय


पुरुषो  के शरीर में एक ऐसा भी भाग है, उसके बारे में कई लोग तो जानते भी नहीं है। लेकिन बाकी अंगों की तरह यह भी बहुत महत्वपूर्ण है ,आप उसका नाम जानना चाहते हैं ,उसे हिंदी में गदूद या प्रोस्टेट नाम से जाना जाता है।  पर अक्सर अधेड़ उम्र में लोगों को इस अंग के बारे में जानकारी होती है ,आखिर अधेड़ उम्र में ही  क्यों ?

इसके बारे में मैं आपको आगे बताऊंगा ,असल में यह एक छोटा सा भाग होता है ,जो हमारे मूत्राशय और मूत्र मार्ग के नीचे के हिस्से में छुपा होता है। इसका काम हमारे शुक्राणुओं को पोषण देना और उनको एक जगह इकट्ठा रखना होता है इसके अलावा यह पुरुषों में मूत्र के प्रभाव को कंट्रोल करता है साथ ही वीर्य के बहाव  को भी यही कंट्रोल करता है। 

जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, प्रोस्टेट में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है, जो उनके दैनिक जीवन और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। इनमें आमतौर पर बीनीग प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) यानी प्रोस्टेट के आकार का  बढ़ना। 

प्रोस्टेटाइटिस यानी प्रोस्टेट की सूजन ,

प्रोस्टेट कैंसर 

यह पुरुषो में पाया जाने वाले  कैंसर में से एक है। इन स्थितिया कई बार बहुत ही खराब भी हो जाती है। 

, जैसे पेशाब कण्ट्रोल करने में कठिनाई

जल्दी व बार-बार पेशाब का आना

पेशाब में जलन व  दर्द होना।


प्रोस्टेट स्वास्थ्य की जानकारी बहुत  जरूरी है । नियमित स्क्रीनिंग और डॉक्टरों से खुलकर बातचीत करना पुरुषों को  स्वास्थ्य के लिए बेहतर कदम  है, ताकि  संभावित खतरे  का जल्दी निदान और इलाज संभव हो सकता है।


प्रोस्टेट का मुख्य कार्य पुरुषों में प्रजनन प्रणाली क्रिया का  महत्वपूर्ण कार्य करता है, यह वीर्य या सीमेंन  में एक विशेष लिक्विड मिलाता है ,जो हल्का सा एसिडिक होता है और शुक्राणु या स्पर्म को जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण है। चाहे वह पुरुषों के प्रोस्टेट में हो या स्त्री के डिम्ब  में जाने के बाद जीवित रहने की लड़ाई हो, यह  दोनों स्थितियों में बहुत मददगार होता है ,इसके बिना आप प्रजनन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा सकते। प्रोस्टेट से निकला हुआ यह तरंल  शुक्राणुओं को पोषण और ऊर्जा देता है, साथ ही यह  लंबे समय तक जीवित रखने के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। शुक्राणुओं को डिम्ब  या अंड  तक पहुंचने में यह बहुत मददगार होता है। प्रोस्टेट में मौजूद तरल एंजाइम और प्रोटीन का पानी की तरह पतला एक मिश्रण होता है ,जिसमें शुक्राणुओं को तैरने में मदद मिलती है, जिससे उनका जीवन लंबा हो जाता है ,जो की प्रजनन प्रक्रिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.

प्रोस्टेट समस्याओं के संकेत और लक्षण

प्रोस्टेट में समस्याओं के कारण निम्नलिखित सामान्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  1. पेशाब करने में कठिनाई – पेशाब कंट्रोल करना काफी मुश्किल होना ,शुरू करने या रोकने में परेशानी होना।

  2. बार-बार पेशाब की आवश्यकता – विशेषकर रात में बार-बार पेशाब का दबाब महसूस होना।पेशाब खुलकर ना आना। 

  3. दर्द या जलन – पेशाब करते समय या वीर्य स्राव के दौरान दर्द या जलन होना और साथ ही बेचैनी होना। 

  4. पेशाब में खून – गंभीर स्थिति में मूत्र में खून आना। 

  5. कमजोर या पतली धार – पेशाब की धार का प्रेशर कम या पतला होना।

  6. पीठ, कूल्हों, या पेल्विक क्षेत्र में दर्द व् सूजन 

Prostatitsटेस्ट  और स्क्रीनिंग


प्रोस्टेट की सूजन और आकार बढ़ना एक समस्या है उनका पता लगाना PSA (प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन) टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) जैसी तकनीक है। 


1. PSA टेस्ट (Prostate-Specific Antigen Test)

   यह ब्लड टेस्ट  प्रोस्टेट में एंटीजन (PSA) की मात्रा को मापता है। PSA एक प्रोटीन है जो प्रोस्टेट की अवस्था का पता लगाने के लिए नापा जाता है, और इसकी  प्रोस्टेट में किसी समस्या का संकेत हो सकती है, जैसे

 बेंजीन  प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH), 

प्रोस्टेटाइटिस या प्रोस्टेट की सूजन, 

प्रोस्टेट कैंसर। 

हालांकि, PSA स्तर में वृद्धि अन्य कारणों से भी हो सकती है,जैसे टेस्टरोन हार्मोन की मोजूदगी होना ,इसलिए डॉक्टर से परामर्श ले। 

2. डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) 

   DRE एक शारीरिक परीक्षण है जिसमें डॉक्टर केवल  उंगली के माध्यम से प्रोस्टेट का निरीक्षण करते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर प्रोस्टेट को उंगली से महसूस कर सकते हैं और देख सकते हैं कि क्या इसमें कोई असामान्य  सूजन, या गांठें हैं, उनका आकार और कठोरता  किसी बीमारी का संकेत दे  सकती हैं। यह प्रक्रिया प्रोस्टेट की स्थिति का पता लगाने में सहायक है।डॉक्टर  अतिरिक्त परीक्षण जैसे खून में स्वेत रक्त कोशिका की गिनती ,प्रोस्टेट अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी, या MRI भी किए जा सकते हैं। नियमित स्क्रीनिंग, खासकर अधेड़  उम्र के बाद, प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं हो सकती  है।

प्रोस्टेट समान्य रखने हेतु 


प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और नियमित देखभाल जरूरी है। यहाँ कुछ आसान टिप्स दिए गए हैं:


1. बैलेंस डाइट प्लान 

फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और ली  वसा से भरपूर आहार प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। टमाटर, मूली ,ब्रोकली,  अखरोट और  मखाने जैसे खाद्य पदार्थ ले। 

2. नियमित व्यायाम

शारीरिक सक्रियता जैसे योग, पैदल चलना, तैराकी, और व्यायाम  न केवल प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है, प्रोस्टेट  स्वास्थ्य में सुधार लाती है।

3. नशा  से परहेज

शराब और  धूम्रपान प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है, इसलिए हर तरह के नशे से परहेज करे। 

4. हाइड्रेट रहे 

पर्याप्त पानी पीने से किडनी व मूत्र प्रणाली सही रहती है और मूत्र संक्रमण  को कम करती है।

5. Prostatitis test जांच

 अगर किसी के परिवार में प्रोस्टेट की समस्याओं का इतिहास है, तो नियमित रूप से PSA टेस्ट ,अल्ट्रा साउंड और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) कराना जरूरी है। यह किसी भी समस्या का शुरुआती चरण में पता लगा सकते है। 

प्रोस्टेट  के उपचार की विधि 


प्रोस्टेट समस्याओं के विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं, जो उनकी गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करते हैं। यहाँ *बेनिग प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH), प्रोस्टेटाइटिस, और प्रोस्टेट कैंसर  के कुछ सामान्य उपचार संबधी जानकारी दी गयी  हैं:


1. बेनिग प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) 

   BPH के उपचार में दवाएँ और जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं।  

   -दवाएँ दवाएं प्रोस्टेट की सूजन कम करके और इन्फेक्शन कंट्रोल करके  मूत्र प्रवाह में सुधार करने में मदद की जा सकती हैं।  

   सर्जरी: यदि दवाओं से राहत नहीं मिलती है, तो सर्जिकल विकल्प जैसे दूरबीन द्वारा प्रोस्टेट का ऑपरेशन ट्रांसयूरेथ्रल रीसक्शन ऑफ द प्रोस्टेट (TURP)का उपयोग करके बढ़ा हुआ हिस्सा काट कर निकला जा सकता है। 


2. प्रोस्टेटाइटिस (प्रोस्टेट की सूजन) 

   प्रोस्टेटाइटिस आमतौर पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन  के कारण होता है और उपचार इसके प्रकार पर निर्भर करता है:  

   एंटीबायोटिक्स दवाए  जो इन्फेक्शन इन्फेक्शन को खत्म करती है। 

   दर्द रिलीफ  थैरेपी

 दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं जैसे डिफॉनिक सोडियम और ट्रामाडोल जैसी दवाए टेबलेट या इंजेक्शन के रूप में दी जाती है।  

3. प्रोस्टेट  कैंसर  

   प्रोस्टेट कैंसर का उपचार उसके चरण और प्रसार पर निर्भर करता है।  

   शुरुआती चरण के प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट को पूरी तरह हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है।  

  : कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए विकिरण उपचार का उपयोग किया जाता है।  

    यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करती है, जिससे कैंसर की बढ़त धीमी हो सकती है।  

    उन्नत कैंसर में कीमोथेरेपी का भी उपयोग किया जाता है।


मुझे आशा है कि आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी अगर आपको यह पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो कृपा इसे शेयर करे और जानकारी व ज्ञान को बाटे ,धन्यवाद। 


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