बबासीर का इलाज
बबासीर क्यों होता है। 
Piles, bavasir, बवासीर आज यह ऐसी समस्याएं हैं, जिन के बारे में हम बात करने से भी कतराते हैं। लेकिन आप यकीन नहीं करेंगे, इस समस्या से हमारे राज्य के 40% लोग इस तकलीफ से ग्रस्त है। इसलिए इस पर बात करना आवश्यक है।
बबासीर क्यों होता है।
इस तकलीफ के होने का कारण हमारे आसपास का वातावरण ,खानपान और हमारे काम करने के तरीके पर निर्भर करता है। आज के समय हम स्पाइसी फूड और बाहर का खाना बहुत ज्यादा प्रयोग करते हैं। बिना यह जाने कि यह किस तरह बनता है ,इस में प्रयोग होने वाला तेल व् रंग हमें दिन-ब-दिन बीमार कर रहा है। शादियों -पार्टियों मैं दिया जाने वाला खाना भी दिखने में बहुत सुंदर और अच्छा लगता है। परंतु उसके अंदर भी तेल की की मात्रा बहुत ज्यादा होती है व् मसाले का प्रयोग बहुत ज्यादा होता है।
बबासीर किसको होता है।
हमारा काम इस समय हर व्यक्ति हैं ,चाहे वह विद्यार्थी हो या काम करने वाला छोटा बड़ा किसी भी तरह का इंसान स्त्री या पुरुष सभी स्ट्रेस और टेंशन से घिरे होते हैं। आपको पता है कि स्ट्रेस या तनाव से ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी तकलीफ हो को जन्म देता है। लेकिन इसके अलावा स्ट्रेस और व्यायम और फिजिकल वर्क ना करने की वजह से हमें कबज जैसी तकलीफ हो रही है। जो चुपचाप हमारे शरीर में घर बना लेती हैं। हम उसको कोई बीमारी तकलीफ नहीं मानते हैं। केवल हमारे शरीर की एक असामान्य प्रक्रिया मान लेते हैं। उसे हम कब्ज कहते हैं व् गैस ,एसिडिटी और कब्ज से हर भारतीय को परेशान हैं और हम इसे गंभीरता से नहीं लेते ,यही कारण है कि कब्ज से अनेक रोग पैदा होते हैं। उनमें से एक रोग बबासीर भी है ,यानी पाइल्स ,
बबासीर का इलाज
लेकिन हम इस बारे में बात करना नहीं चाहते। आप के नहीं मानेंगे 5 साल के ब्लॉक कैरियर में मैंने भी कभी इस विषय पर कुछ भी नहीं लिखा। लेकिन मैंने जब गूगल क्वेश्चन हब पर काम करने लगा, तब देखा कि सैकड़ों लोग इस बारे में जानकारी चाहते हैं।
बबासीर का कारण
हम भारतीय का शोच करने का तरीका गलत होने के कारण हमें रेक्टम से संबंधित तकलीफ ज्यादा होती हैं। यदि कब्ज होने के बाद हम भारतीय तरीके से हैं मल त्यागने बैठकर जोर लगाते हैं ,तो हमारे को रेक्टम संबंधित रोग हो सकते हैं। हम संकोच वंश कोई बात नहीं करते।
दोस्तों यह तो बात है बवासीर बनने की है। लेकिन इसके बनने के बाद एक तकलीफ का समय शुरू हो जाता है। बवासीर को हम दो तरह का मानते है। 1. सिंपल बवासीर
2. दूसरा खूनी बवासीर
सधारन बवासीर होने पर हमें अपने गुर्दा में खुजली होना ,शौच त्यागने में दर्द होना महसूस होता है व् पेट में कब्ज रहती है।
खूनी बबासीर में लंबे समय तक बवासीर बनने के बाद हमारे गुदा में बड़े-बड़े मस्से या गांठ बन जाते हैं और गुदा में से चिपचिपा पदार्थ निकलता है। गुदा के चारों तरफ का मास लाल रंग का दिखता है। शौच के समय इसमें से खून आता है और तेज दर्द होता है व् जलन महसूस होती है और तकलीफ बहुत ज्यादा महसूस होती है। गुदा में खुजली और जलन बनी रहती है। इस तरह पाइल्स का मरीज तकलीफ तो सहन करता है और कुछ नहीं बता पाता।
बबासीर और कैंसर
लेकिन पाइल्स लंबे समय तक पाइल्स रहने पर बहुत सारी बीमारी बन जाती हैं। असल में हमारे में छोटे-छोटे मस्से बन जाते हैं ,यदि इलाज ना किया जाए ,तो लंबे समय बाद यह खतरनाक हो सकता है और कैंसर का रूप धारण कर लेता है। डॉक्टर दवरा पाइल्स दो किस्म में बाट दे जाती है ,एक अंदुरनी पाइल्स जो गुदा के अंदर होती है जिसे आसानी से देखा नहीं जा सकता है।
जो पाइल्स के मस्से गुदा के बाहर के तरफ होते है ,जिसे आराम से देखा जा सके। उसे बाहरी पाइल्स कहते है।
बबासीर का डॉक्टरी इलाज
पाइल्स का पता लगाने के लिए डॉक्टर जो यंत्र प्रयोग करते है ,उसे प्रोटोस्कोपी कहते है। चाहे कोई भी पाइल्स हो ,लेकिन इसका इलाज एक ही तरीके से होता है। तकलीफ ज्यादा होती हैं ,तो सर्जरी की सहायता ली जाती हैं ,यानी ऑपरेशन करके इन मस्सों को निकाला जाता है। यह एक सर्जरी का इलाज है.
लेकिन आप अपने रोजाना के खाने-पीने व् बैठने के तरीके में अगर परिवर्तन करें तो हमें इससे छुटकारा मिल सकता है।
महिलाओं में प्रेग्नेंसी के समय पाइल्स
बबासीर का इलाज,महिलाओं में प्रेग्नेंसी के समय पाइल्स होने का बहुत ज्यादा खतरा होता है। इसलिए उस समय महिलाओं को ध्यान रखना होता है कि उनको कब्ज की शिकायत ना हो। यदि ऐसा होता है ,उसके लिए वह बादाम रोगन एक चम्मच दूध में मिलाकर पी सकते हैं। पेट साफ रहेगा। प्रेगनेंसी के दौरान बवासीर पाइल्स की तकलीफ नहीं बनेगी। वैसे तो कई तरह के पैराफिन बेस पीने के दवाई होती हैं। यानि पीने की दवाइयां डॉक्टर लिखते हैं। उसको लेने से भी पेट साफ रहता है।
कब्ज का घरेलु इलाज ,बबासीर का इलाज
इसके अलावा पपीता एक बेहतर उपाय है ,पपीते से भी पेट साफ रहता है और उसका सेवन करने से हमें विटामिन ए व् विटामिन डी मिलता है ,इसके अलावा पेट में गैस से छुटकारा मिलता है।
फाइबर बेस खाने की चीजें भी कब्ज मिटाने में सहायता करते है। इसबगोल का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है। वह फाइबर से भरपूर होता है व् आंतो को चिकना ही बनाता है। जिसके साथ ही पेट सांफ रहता है।
बबासीर का घरेलु इलाज
इसके अलावा कुछ घरेलू इलाज भी होते हैं।
जैसे जीरे को पीसकर पाइल्स की जगह लगाने से फायदा होता है। भुने जीरे को चीनी या मिश्री के साथ फंकी मारने से पेट साफ हो जाता है.
भुने हुए काले तिल को गाय के मक्खन के साथ सुबह शाम गर्म पानी से लेने से खूनी बवासीर में काफी आराम मिलता है। खून आना रुक जाता है और शौच करते समय तकलीफ कम होती है।
नीम के फल निंबोली को सुखाकर उस को बारीक पीसकर खाली पेट 10 ग्राम पानी से लेने से पेट की तकलीफ और पाइल्स में मिलता है।
त्रिफला चूरन भी एक चमच्च लेने से कब्ज और पाइल्स में आराम मिलता है।
नींबू के रस में 4 ग्राम कथा जो पान में लगाया जाता है ,मिलाकर रात के समय खाने के बाद लेने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है। कतथा खून को रोकता है व् ब्लीडिंग रोकने में कतथा बहुत सहायक होता है और तुरंत खून गिरना बंद हो जाता है।
बबासीर की आयुर्वेदिक क्रीम,बबासीर का इलाज
इसके अलावा आयुर्वेदिक क्रीम होती हैं ,जो पाइल्स या बवासीर में लगाने से बहुत फायदा होता है। जैसे हिमालय की पाइलेक्स , अंशुल ,अर्शकल्प व् डॉ पाइल्स की जैसी ढेरों क्रीम होती है, जो आयुर्वेदिक होती है और उनको आप लगा सकते हैं।
पाइल्स की क्रीम प्रयोग करने का तरीका
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thanks for interest.