शनिवार, 8 मार्च 2025

भारत में शुगर की महामारी: मीठे ज़हर का बढ़ता ख़तरा!"

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 भारत में शुगर की महामारी: मीठे ज़हर का बढ़ता ख़तरा!"

ब्लड शुगर 


अत्यधिक चीनी (शुगर) का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए काफी घातक हो  सकता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और कई बार भविष्य में  कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।शुगर के प्रयोग के कुछ परिणाम :

1.मोटापा Obesity 

चीनी,  उच्च कैलोरी युक्त होती है, लेकिन इसमें कोई पोषक तत्व (Nutrients) नहीं होते। जब हम अधिक चीनी का खानेमे सेवन करते हैं, तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा होने लगती है, जो वसा (Fat) के रूप में जमा हो जाती है। इसके अलावा, चीनी "लेप्टिन" (Leptin) नामक हार्मोन के कार्य को प्रभावित करती है, जो भूख को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति को अधिक भूख लगती है लेप्टिन की कमी से  यह प्रक्रिया धीरे-धीरे मोटापे (Obesity) का कारण बनती है, जो कई अन्य बीमारियों की जड़ है।


2. मधुमेह या शुगर  (Diabetes)

भारत में हर तीसरे व्यक्ति को मधुमेय है , चीनी का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) को बढ़ा देता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में ग्लूकोस लेवल  (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रित करता है। जब शरीर में चीनी की मात्रा अधिक होती है, तो पैंक्रियास  नामक ऑर्गन (Pancreas) को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। समय के साथ, शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति   संवेदनशील कम हो जाती हैं, जिससे खून में शुगर  का स्तर बढ़ता है और टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह के साथ-साथ, यह स्थिति अन्य जटिलताओं जैसे कि नर्व  (Nerve Damage), गुर्दे की बीमारी (Kidney Disease) और आखों पर असर  (ग्ल्य्कोमा ) का कारण भी बन सकती है।


 3. हृदय रोग (Heart Disease)

वैसे तो हार्ट प्रॉब्लम स्ट्रेस की देन है ,लेकिन नवीन  शोध से पता चला है कि अधिक चीनी का सेवन रक्तचाप (Blood Pressure) को बढ़ा सकता है और "खराब कोलेस्ट्रॉल" (Low density Cholesterol) के स्तर को बढ़ाता है, जबकि "अच्छे कोलेस्ट्रॉल" (High density  Cholesterol) के स्तर को कम करता है। इसके अलावा, चीनी के अधिक सेवन से शरीर इन्फ्लेम्शन  (Inflammation) बढ़ती है, जो धमनियों (Arteries) को नुकसान पहुँचा सकती है और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का कारण बन सकती है। यह स्थिति हृदयाघात (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) के जोखिम को कई गुना बढ़ाती है।


 4.  मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव ( Mental Health)

अध्ययनों से पता चला है कि अधिक चीनी का सेवन मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। यह मूड स्विंग (Mood Swings), चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) का कारण बन सकता है। इसके अलावा, चीनी के अधिक सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे याददाश्त (Memory) और सीखने की क्षमता (Learning Ability) में कमी आ सकती है।


 लिवर की समस्याएँ (Liver Problems)

अधिक चीनी, विशेष रूप से फ्रुक्टोज (Fructose) जो की शुगर का ही मेडिकल रूप है ,जो हमारे शरीर को शुगर से भी ज्यादा नुकसान  कर सकती है , लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है। जब हम अधिक मात्रा में फ्रुक्टोज का सेवन करते हैं, तो यह बहुत गाढ़ी होती है और  लिवर इसे  करने के लिए अधिक मेहनत करता है। इस प्रक्रिया में, फ्रुक्टोज वसा में बदल  जाती  है, जो लिवर में जमा होने लगता है। यह स्थिति नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease - NAFLD) का कारण बन सकती है, जो लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।


 5. दांतो का खराब होना  (Dental Problems) 

चीनी के अधिक सेवन से दांतो का खराब होना  (Tooth Decay) , कैविटी (Cavities) मुह में बदबू की समस्या हो सकती है। चीनी मुंह में मौजूद बैक्टीरिया के लिए शुगर एक बेहतरीन  भोजन है, जो एसिड (Acid) का उत्पादन करते हैं। यह एसिड दांतों के इनेमल (Enamel) दांतो को बचाने वाली परत को नष्ट कर देता है, जिससे दांतों में सड़न और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


 6.  लिवर की समस्याएँ (Liver Problems)

अधिक चीनी, विशेष रूप से फ्रुक्टोज (Fructose) जो की शुगर का ही मेडिकल रूप है ,जो हमारे शरीर को शुगर से भी ज्यादा नुकसान  कर सकती है , लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है। जब हम अधिक मात्रा में फ्रुक्टोज का सेवन करते हैं, तो यह बहुत गाढ़ी होती है और  लिवर इसे  करने के लिए अधिक मेहनत करता है। इस प्रक्रिया में, फ्रुक्टोज वसा में बदल  जाती  है, जो लिवर में जमा होने लगता है। यह स्थिति नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease - NAFLD) का कारण बन सकती है, जो लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।

अत्यधिक चीनी का सेवन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। संतुलित आहार लेना, प्रोसेस्ड फूड (Processed Food) और शुगर युक्त पेय (Sugary Drinks) से बचना, और प्राकृतिक मिठास (Natural Sweeteners) का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम इन जोखिमों को कम कर सकते हैं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

शुगर हमारे लिए अधिक मात्रा में हानिकारक है ,लेकिन यह हमारे शरीर को चलाने व ठंडा रखता है। हमे चीनी के विकल्प पर जाना चहिये। 


 1.  चीनी का विकल्प 

चीनी के स्थान पर प्राकृतिक मिठास वाले विकल्पों का उपयोग करें। ये विकल्प न केवल कम कैलोरी वाले होते हैं, बल्कि इनमें पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। कुछ बेहतरीन विकल्प हैं ,लेकिन मधुमय से पीड़ित डॉक्टर की सलाह से सेवन करे " 

 शहद (Honey): इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) होते हैं और यह चीनी की तुलना में अधिक मीठा होता है, इसलिए कम मात्रा में उपयोग करें।  

गुड़ (Jaggery): यह आयरन (Iron) और अन्य खनिजों से भरपूर होता है और चीनी की तुलना में अधिक पौष्टिक होता है और शुगर लेवल कम होता है। 

खजूर (Dates) खजूर को पीसकर इसका पेस्ट बनाया जा सकता है, जो मिठास के साथ-साथ फाइबर (Fiber) भी प्रदान करता है।  


2. फलों की मिठास   

फल प्राकृतिक रूप से मीठे होते हैं और इनमें फाइबर, विटामिन और खनिज भी होते हैं। आप इनका उपयोग मिठास के लिए कर सकते हैं:  

केला (Banana) कार्बोहायड्रेट का सोत्र है ,इसे शेक के रूप में प्रयोग करे। 

सेब का जेम  यह खाने  में चीनी के स्थान पर उपयोग की जा सकती है।  

सूखे मेवे dry fruits  किशमिश, खजूर या अंजीर को पीसकर मिठास के लिए उपयोग करें।  


3. कुछ मसाले भोजन में प्राकृतिक मिठास जोड़ सकते हैं : 

 

-इलायची (Cardamom):यह मिठास के साथ-साथ एक खशबू और सुगंधित स्वाद पर्सिद है।  

जायफल (Nutmeg): यह मिठास और गर्माहट का एहसास देता है और कोल्ड व् पाचन में सहायक है। 

 धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम करें। उदाहरण के लिए:  

 चाय या कॉफी में चीनी की मात्रा आधी कर दें।  

मिठाई या डेसर्ट में चीनी की मात्रा कम करें और प्राकृतिक मिठास का उपयोग करें।  


चीनी युक्त स्नैक्स के बजाय स्वस्थ विकल्प चुनें:  

नट्स और बीज (Nuts and Seeds): ये प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर होते हैं।   

डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate)यह चीनी युक्त मिल्क चॉकलेट की तुलना में बेहतर विकल्प है।   

कुछ सब्जियाँ प्राकृतिक रूप से मीठी होती हैं और इन्हें मिठास के लिए उपयोग किया जा सकता है:  

शकरकंद (Sweet Potato): यह मिठास और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।  

गाजर (Carrot) गाजर का उपयोग केक या मिठाई में किया जा सकता है।  

हाइड्रेट रहे ,इसलिए पानी, नींबू पानी या हर्बल टी का सेवन करें। ये न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि शरीर को हाइड्रेट भी रखते हैं।    

चीनी की मात्रा को कण्ट्रोल करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए जा सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य रहने  में मदद करेंगे। नेचुरल  मिठास, फल, मसाले  का उपयोग करके आप चीनी के बिना भी स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन का आनंद ले सकते हैं। दैनिक  आहार में बदलाव लाकर आप न केवल चीनी की लत को कम कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली भी अपना कर एक हेअल्थी और लम्बा जीवन जी सकते है ।

 छिपी हुई चीनी को समझना hidden glucose   


आजकल प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में चीनी छिपी हुई होती है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। 

 1. प्रोसेस्ड खाद्य और फ़ास्ट फ़ूड  में छिपी चीनी

कई खाद्य पदार्थ जो हमें "मीठे" नहीं लगते, उनमें भी चीनी मौजूद होती है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:  

 टोमेटो केचप, बारबेक्यू सॉस, सलाद ड्रेसिंग और पास्ता सॉस में चीनी की मात्रा अधिक होती है, व्हाइट ब्रेड और बन्स, में चीनी मिलाई जाती है।   फलों के स्वाद वाले योगर्ट में चीनी की मात्रा अधिक होती है।  प्रोटीन बार और एनर्जी ड्रिंक्स  इनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है।   चिप्स, क्रैकर्स और नमकीन मिक्स में भी चीनी मिलाई जाती है।  

 2. खाद्य लेबल पर चीनी के सामान्य नाम (Common Names for Sugar on Food Labels)**  

चीनी को खाद्य लेबल पर अलग-अलग नामों से दर्शाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य नाम दिए गए हैं:  


कॉर्न सिरप  यह मकई से बना एक प्रकार का प्रोसेस्ड शुगर है जो अधिकांश प्रोसेस्ड फूड में पाया जाता है।  

फ्रुक्टोज  फलों में पाई जाने वाली प्राकृतिक चीनी है, लेकिन इसे अलग से भी मिलाया जाता है।  

माल्टोज यह अनाज जैसे गेहू ,मेदा से प्राप्त चीनी है। 

सुक्रोज (Sucrose): यह टेबल शुगर का वैज्ञानिक नाम है।  

शुगर  केन जूस यह गन्ने के रस से बनी चीनी है।  

मॉलसेस यह खजूर और चकुंदर  से बनी गाढ़ी चीनी है।  

शहद (Honey):यह प्राकृतिक होता है, लेकिन इसमें मिठास  अधिक होती है।  


3. सुझाव: खाद्य लेबल को ध्यान से पढ़ें 

सामग्री सूची (Ingredient List): सामग्री सूची में  तत्वों पर ध्यान दें, क्योंकि ये सबसे अधिक मात्रा में होते हैं।  चीनी की मात्रा पर फोकस रखे। कम चीनी वाले विकल्प  जिन उत्पादों में चीनी की मात्रा कम हो, उन्हें चुनें। 


प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में छिपी हुई चीनी को पहचानना और उससे बचना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। पैकेट  लेबल को ध्यान से पढ़कर और कम चीनी वाले विकल्प चुनकर आप अपने दैनिक चीनी सेवन को नियंत्रित कर सकते हैं। यह छोटा सा कदम  आपके स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव  सकता है। समय पर खून में शुगर की जाँच करवा सकते है। भारत में शुगर बहुत तेजी से फैलने वाली महामारी है। आप सभी स्वस्थ रहे। 

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