हीमोग्लोबिन क्या है ,
HB क्या होता है ?
हीमोग्लोबिन हमारे खून में लाल रक्त कोशिका में मिलता है ,हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और हीमोग्लोबिन इस ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाने का काम करता है। यह एक प्रोटीन है जो हमारे खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में पाया जाता है। अगर हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाए, तो शरीर में कमजोरी, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आज हम इस ब्लॉग में हीमोग्लोबिन के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि यह हमारे लिए क्यों इतना महत्वपूर्ण है।
हीमोग्लोबिन स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है?
हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। इसका मुख्य काम फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के सभी अंगों और शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाना है। साथ ही, यह कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों में लाता है ताकि उसे शरीर से बाहर निकाला जा सके। हीमोग्लोबिन में आयरन (लोहा) होता है, जो ऑक्सीजन को जोड़ता है । यही आयरन खून को लाल रंग देता है।यह हमारे जीने का आधार है।
हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर क्या है?
हीमोग्लोबिन का स्तर उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। सामान्य तौर पर:
पुरुषों में: 13.8 से 16 .2 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL)
महिलाओं में: 12.1 से 15.1 g/dL
बच्चों में: 13 से 16 g/dL (उम्र के अनुसार अलग-अलग)
अगर हीमोग्लोबिन का स्तर इससे कम होता है, तो इसे एनीमिया (खून की कमी) कहा जाता है।भारत में यह एक बड़ी समस्या है।
हीमोग्लोबिन कम होने के कारण
हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
आयरन की कमी: यह एनीमिया का सबसे आम कारण है। आयरन की कमी अक्सर गलत खानपान, गर्भावस्था या शरीर से खून की कमी (जैसे मासिक धर्म या चोट) के कारण होती है।
विटामिन की कमी: विटामिन B 12 और फोलिक एसिड की कमी से भी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण प्रभावित होता है।
पुरानी बीमारियां: किडनी की बीमारी, कैंसर या संक्रमण जैसी स्थितियां हीमोग्लोबिन बहुत कम कर सकती हैं।
जेनेटिक्स समस्याएं: सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया जैसी बीमारियां हीमोग्लोबिन के स्तर को प्रभावित करती हैं।
हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण
थकान और कमजोरी महसूस होना,शरीर थका थका रहता है और कभी कभी बुखार भी हो सकता है।
त्वचा का पीला पड़ना,आपका रंग पीला या सफेद हो सकता है। आखों के नीचे काले घेरे हो सकते है।
सांस लेने में तकलीफ,शरीर में दर्द व् ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
चक्कर आना या सिर दर्द,उल्टी आना।
हाथ-पैर ठंडे रहना व काम में जी ना लगना।
अगर आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर के परामर्श से फोलिक एसिड व आयरन की गोलियां और सिरप ले सकते है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय
आयरन युक्त आहार लें:
पालक, चुकंदर, दालें, राजमा, अंडे, मछली, और लाल मांस जैसे आहार आयरन के अच्छे स्रोत हैं।विटामिन C का सेवन:
विटामिन C आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। संतरा, नींबू, आंवला और टमाटर जैसे फल और सब्जियां खाएं।फोलेट और विटामिन B12:
हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अंडे और मीट में ये पोषक तत्व पाए जाते हैं।नियमित व्यायाम:
व्यायाम और योग करने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण बढ़ता है।पानी पीएं:
हाइड्रेटेड रहे और शरीर में पानी की कमी न होने दें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में खाना सही ढंग से डाइजेस्ट होता है।एनीमिया कंट्रोल डाइट प्लान
सुबह का नाश्ता (Breakfast)
1 कटोरी पोहा या उपमा (हरी सब्जियों और मूंगफली के साथ)
1 संतरा या मौसमी फल (विटामिन C के लिए)
1 गिलास चुकंदर और गाजर का जूस
विकल्प:
2 मल्टीग्रेन रोटी के साथ पालक का पराठा
1 कप दही
दोपहर का भोजन (Lunch)
1 कटोरी ब्राउन राइस या गेहूं की रोटी
1 कटोरी दाल (मसूर या मूंग दाल)
1 कटोरी पालक, बथुआ या मेथी की सब्जी
1 कटोरी दही या छाछ
सलाद (टमाटर, खीरा, गाजर और नींबू के साथ)
विकल्प:
राजमा या छोले की सब्जी के साथ रोटी
हरी सब्जियों का सूप
शाम का नाश्ता (Evening Snack)
1 मुट्ठी भुने चने या मूंगफली
1 कप हर्बल चाय या ग्रीन टी
1 फल (सेब, अनार या कीवी)
विकल्प:
मखाने की भुजिया
1 गिलास नारियल पानी
रात का भोजन (Dinner)
1 कटोरी बाजरा या ज्वार की रोटी
1 कटोरी मिक्स वेजिटेबल करी (ब्रोकली, गाजर, शिमला मिर्च)
1 कटोरी मूंग दाल या चिकन सूप (नॉन-वेजिटेरियन के लिए)
सलाद (ककड़ी, टमाटर और नींबू के साथ)
विकल्प:
मछली या अंडे की करी के साथ रोटी
हरी सब्जियों का स्ट्यू
सोने से पहले (Bedtime)
1 गिलास गर्म दूध (हल्दी के साथ)
2-3 खजूर (आयरन के लिए)
एनीमिया कंट्रोल करने के लिए सुपरफूड्स
पालक: आयरन और फोलेट से भरपूर।
चुकंदर: खून बढ़ाने में मददगार।
अनार: आयरन और विटामिन C का अच्छा स्रोत।
मूंगफली और तिल: आयरन और प्रोटीन से भरपूर।
दालें: मसूर, मूंग और राजमा आयरन के अच्छे स्रोत हैं।
अंडे और मछली: नॉन-वेजिटेरियन के लिए आयरन और विटामिन B12 का बेहतरीन स्रोत।
इमरजेंसी
अगर आपको लगातार थकान, कमजोरी, या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एक साधारण ब्लड टेस्ट से हीमोग्लोबिन का स्तर पता चल सकता है और उचित इलाज शुरू किया जा सकता है।
लास्ट
हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। यह न सिर्फ ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाता है, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में भी मदद करता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम हीमोग्लोबिन के स्तर को सही बनाए रख सकते हैं। अगर आपको कोई लक्षण दिखाई दे, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
क्या आपने कभी हीमोग्लोबिन की कमी का सामना किया है? अपने अनुभव और सुझाव कमेंट में जरूर शेयर करें!
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thanks for interest.