Bird Flu ,बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू क्या है।
अचानक ही हजारों पक्षियों की मौत ने हमें और वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। लगता है कि कही (Bird flu )बर्ड फ्लू की आहट तो नहीं। अभी हम करोना से ही लड़ रहे थे कि अचानक पूरे देश में मुर्गियों के मरने की घटनाएं होने लगी। इसके अलावा कोऔ और अन्य पक्षियों की मरने की घटना होने लगी। अकेले हरियाणा में ही लाखों मुर्गीया मर गयी। बेमौत मारे जिससे पूरी दुनिया सकते में है। कही यह बर्ड फ्लू की आहट तो नहीं।
h1n5 virus
(BIRD fLU )बर्ड फ्लू यह अवीन इंफ्लूजा एक ऐसा वायरस है। जो मनुष्य में भी ट्रांसफर हो सकता है और इसका प्रकोप पूरी दुनिया कई बार झेल चुकी है। यह h5 n1 वायरस की वजह से होता है और यह बहुत तेजी से पक्षियों में फैलता है और यह चिंता का विषय होता है कि पक्षी उढकर एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं।
Test
वैसे तो अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है लेकिन काफी हद तक बर्ड फ्लू जैसा ही है। जब तक मरे हुए पक्षी की ऑटोस्पी टेस्ट नहीं होता ,तब तक कुछ कहना काफी मुश्किल होता है। ऑटोप्सी या बायोप्सी एक ऐसा टेस्ट होता है। इसमें से मृतक के शरीर का मांस का टुकड़ा लेकर उसका प्रोसेस किया जाता है और पता लगाया जाता है कि यह किस प्रकार के वायरस से संक्रमित हैं।
लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण साधारण फ्लू और करोना जैसे ही होते हैं। इसमें बुखार ,जुकाम ,खांसी सामान्य तौर पर होती है। इसके अलावा आंखों में लालपन होना ,आखो में खून जमना ,सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ और रोगी की मृत्यु हो सकती है।
क्या करे
यह ऐसा का वायरस है ,जो पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है। इसके बचाव के लिए हमें इनफेक्टेड पक्षियों को मारना होता है और कई बार ऐसे पक्षियों को भी मार दिया जाता है जिनमे इंफेक्शन नहीं है। लेकिन शक की वजह से , इस तरह करोड़ों पक्षियों को मार दिया जाता है।
other viruses
लोगों को मांस ना खाने की सलाह दी जाती है। वैसे तो पूरी दुनिया इस वायरस से पहले भी नहीं लड़ चुकी है। लेकिन दोबारा इस का आक्रमण परेशान करता है। हमें समझना होगा कि ना जाने कितने ही वायरस हमारे आसपास हैं। कम से कम 200 से 300 वायरस इंसानों में ट्रांसफर हो सकते हैं। इसके अलावा सैकड़ों ऐसे भी वायरस हैं। जिनके बारे में हमें पता नहीं ,कुछ समुद्र की गहराइयों में होते हैं और कुछ जमीन के नीचे कई गुफाओं में ऐसे डेडली वायरस छिपे हुए हैं।
अंत
हमारे पास इनसे बचाव के लिए केवल सावधानी है। जिस तरह हमने करोना से बचाव के लिए मास्क , ग्लोज और दूरी बनाने से सावधानी बरते। इस तरह हमें आजीवन सावधानी बरतनी होगी , ताकि हम स्वस्थ रहेंऔर सुरक्षित रहे।
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