infertility या बांझपन क्या होता है।
infertiliyका मतलब होता है ,एक साल से ज्यादा कोशिश करने के बाद भी कोई औरत प्रेग्नेट ना हो सके। यानी संतान पैदा ना कर सके। यह एक विकट समस्या है। जो मानसिक तौर पर भी स्त्री को परेशान करती है और सामाजिक तौर पर भी स्त्री पर बांझपन के लाक्षण लगा देती हैं।
कारण
हम जानते हैं स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर आपस में सहवास करते हैं। तो संतान पैदा हो सकती है। लेकिन इनफर्टिलिटी के कई कारण होते हैं। मैं आपको तीन कारण को 3 तरीके से समझाऊगा।
1 . sex education
भारत में सेक्स एजुकेशन ना होने के कारण स्त्री और पुरुष को संतान पैदा करने के लिए सही तरीका नहीं आता। इसका एक बड़ा कारण है, अज्ञानता सबसे बड़ा कारण है। हमें पता होना चाहिए की बच्चे के लिए अगर पति पत्नी तैयार हैं। तो सहवास करने का सही समय क्या होता है। भारत में स्त्री अपने मासिक धर्म के बाद में १२ वे दिन संतान पैदा करने के लिए तैयार होती है और उस दिन उसकी ओवरी यानी अंड - कोष में अंडा तैयार होता है। जिसमें आदमी के वीर्य से एक स्पर्म जाकर उसके अंदर अपने आप को सुरक्षित का सकता है। यह औरत के शरीर में संतान पैदा करने का एक सिस्टम होता है हमें किसके लिए पुरुष को अपना वीर्य औरत के शरीर में यानी योनी में डालना होता है। ताकि को संतान की तैयारी हो सके और किसी भी तरह की दवाई ,पानी या और अन्य चीजें जैसे इन्फेक्शन इस प्रक्रिया को रोक सकता है। इसलिए यह सावधानी रखनी चाहिए इस तरह के किसी भी चीज का सेवन ना करें और स्त्री को चाहिए जब तक सीमेन या वीर्य योनि में प्रवेश ना कर ले तब तक लेटने की पोजीशन में रहे , खड़े होने की पोजीशन में ग्रेविटी के कारण sperm अंडकोष तक नहीं पहुंच पाते। यह एक कॉमन कारण है जिसको ज्यादातर भारतीयों को सामना करना पड़ता है।
Male connection
दूसरा करो जो सबसे ज्यादा देखा गया है वह है oligospermia यानी पुरुष के अंदर बच्चे पैदा करने वाले स्पर्म की कमी होना या स्पर्म ना होना या कई बार मृत स्पर्म का होना। जब तक स्पर्म स्वस्थ नहीं होते तब तक वह बच्चे का रूप नहीं ले पाते। पुरुष के अंदर यह कमी जन्मजात भी हो सकती है। कई बार चोट लगने के कारण भी हो सकती है. इसके अलावा शरीर में पुरुष हार्मोन कम होने के कारण भी ऐसा हो सकता है। इसके लिए पुरुष को अपना वीर्य जांच करनी होती है। जिससे पुरुष के वीर्य अंदर स्पर्म की गिनती की जाती है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड जान से यह पता लगाया जाता है कि पुरुष के अंगों में कोई चोट इत्यादि तो नहीं है।
जो कारण सबसे आखिर में आता है यानी स्त्री के अंदर संतान पैदा करने की शक्ति ना होना। यह कारण बहुत कम मिलता है। यानी स्त्री में कोई कमी होना लेकिन स्त्री मैं ऐसी कमी बहुत सारे कारणों से हो सकती है ,जैसे ओवुलेशन ना होना यानी स्त्री के अंडकोष में एग्ग ना बनना , इसके अलावा फुलोओपन ट्यूब में या यूट्रस , सेरविक्स जैसी जगह पर सूजन होना या इन्फेक्शन होना। इसके अलावा हारमोंस भी इम्पोर्टेंट रोल अदा करते हैं. जैसे एचसीजी हार्मोन थायराइड हार्मोन जिन की अधिकता होने से कई बार स्त्री प्रेग्नेंट तो हो जाती हैं. पर कुछ समय बाद उसको मिसकैरेज जाता है। वैसे आजकल घबराने की आवश्यकता नहीं होती ,नई नई टेक्नोलॉजी होने के कारण, हमें निराश नहीं होना चाहिए। आप अल्ट्रासाउंड की जांच और खून में हारमोंस के लेवल पता लगा कर इसके कारण का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा फिलोपन ट्यूब खोलने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है।
Laparoscopic surgery
यह सर्जरी बहुत छोटी होती है, इसे लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कहते हैं यानी दूरबीन से सर्जरी की जाती है। इसमें कोई निशान भी नहीं होता और तकलीफ भी बहुत कम होती है। बहुत छोटा कट लगने के कारण जख्म भी जल्दी भर जाते हैं .
Semen bank
इसके अलावा एक और टेक्निक है जो निराश दंपति होने दे वरदान है। यदि पुरुष के अंदर किसी तरह के स्पर्म नहीं है या औरत की ट्यूब में कोई दोष है या अंडकोष में कोई दोष है।
Test tube
हम टेस्ट ट्यूब का सहारा ले सकते हैं। हमें स्पर्म के लिए सीमन बैंक से स्पर्म मिल जाते हैं। उसी तरह जैसे ब्लड बैंक से ब्लड मिल जाता है। यदि पुरुष का स्पर्म काउंट पूरा है और औरत के एग्ग नहीं बनते तो एग भी इसी तरह लिए जा सकते हैं। एक टेस्ट ट्यूब में कई स्पर्म डालकर ,स्पर्म को औरत के अंडे में एक माइक्रोस्कोप की सहायता से इंजेक्ट कर जाता है और दो-तीन दिन उसको इनको इन्क्युबेट यानी स्त्री के शरीर जितना तापमान रखा जाता है। उसके बाद स्त्री के बच्चेदानी में इस एग्ग को डाल दिया जाता है। यह आर्टिफिशियल तरीका होता है, इस तरह स्त्री को संतान का वरदान मिल जाता है।
last
आप भी संतान पा सकते है। इस के आलावा इनफर्टिलिटी के लिए एक्यूप्रेशर और अल्टरनेटिव मेडिसिन के बारे में जाने।
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