शनिवार, 4 दिसंबर 2021

ओमनीक्रोन करोना virus,Omicron News updates,

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ओमीक्रान वायरस 

ओमनीक्रोन  करोना का नया वेरिएंट,जो पूरी दुनिया में हलचल मचा रहा है। यह कोरोना  वायरस फैमिली से संबंध रखता है और अफ्रीका में पाया गया है। अभी दुनिया कोरोना वायरस  के कहर से उभर भी  नहीं पाई थी कि एक के बाद एक नए वेरिएंट दुनिया को असमझ  की स्थ्ति में डाल दिया  हैं। 

 इस ओमनीक्रोन वायरस  में क्या खासियत है ?

लेकिन इस ओमनीक्रोन वायरस  में क्या खासियत है ?

जिसने आते  साथ ही  पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। कोरोना  वायरस को हम 2019 से ही स्टडी  कर रहे हैं और पा रहे हैं कि हफ्ते तरफ से कोरोना वायरस अपने आप को बदल रहा है। इस स्थिति को म्यूटेशन कहते हैं और पहले से ज्यादा ताकत हो  रहा है। इसका नया वेरिएंट बहुत ही तेजी से फैलता है और किसी तरह की कोई भी दवाई इस पर काम नहीं कर रही। 

बूस्टर डोज 

जो लोग इस विश्वास में है की वैक्सीन ही इलाज है , तो उन लोगों को भी जान लेना  चाहिए। 

 वैक्सीन इस पर पूरी तरह कारगर नहीं है।

 यथास्थिति में वैज्ञानिक और डॉक्टर भी परेशान है कि इसका इलाज किस तरह करें ?

रिसर्च 


Coronavirus   इसके ऊपर हमारी इतनी रिसर्च  होने के बाद अगर हमें ऐसा लगता है कि वायरस  ने अपना रुख बदल लिया है और सारी रिसर्च बेकार है ,उसकी फैलने  की रफ्तार ने हमें परेशान कर दिया है। इसका पता लगने के बाद भी इसके फैलाव को हम  रोक नहीं पाये और 2019 दिसंबर में जहां से चले थे वहीं पहुंच गए। 

लॉकडाउन?

यानी लॉकडाउन अभी हमारे पास अलावा कोई चारा नहीं है। यह  इस वायरस का पहला फेज है और पूरी दुनिया के सभी प्रयास विफल होते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसका अर्थ है कि इस वायरस  ने  अपने आप को इतना बदल दिया है ,ऐसा लगने लगाता  है कि वायरस एक इंटेलिजेंट मशीन है। जो मानव से दो कदम आगे चलती है। अब हमारे पास पहले की तरह मास्क  और लॉक डाउन  के अलावा कोई चारा नहीं है। 

क्या हो रहा है ?

हालांकि बूस्टर डोज की बात की जा रही है। लेकिन बूस्टर डोज इसके ऊपर पूरी तरह से हावी नहीं हो सकता। हालांकि अभी तक केवल अनुमान ही है। अब जल्दी इस omnicron वायरस  के रोगी भारत में भी आ गए हैं।  पूरी दुनिया और डब्ल्यूएचओ इस पर काम कर रहा है। इसके बारे में कुछ अपडेट मिलेंगे। 

अंत 


 अभी तक हम  केवल अंधेरे में थे। हमें किसी वायरस की स्टडी में कुछ समय चाहिए होता है। उसका  इसके अलावा हमें वायरस से ग्रस्त रोगी से भी बहुत सा  डाटा मिलता है। उनके ठीक होने के बाद उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़े प्रभाव व शरीर के ऑर्गन पर पड़े हुए प्रभाव हमें काफी कुछ बताते हैं। इसलिए आने वाले समय में हमें लगता है कि हम इस वायरस का तोड़ निकाल पाएंगे 

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