जेनरिक मेडिसिन क्या है।
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Generic medicineजेनरिक मेडिसिन क्या है। हमने दवाई के एक अलग स्वरूप को भी समझा और बार-बार उसका नाम भी लिया है। लेकिन हम समझ नहीं पाए किGeneric medicine जेनेरिक मेडिसिन किसे कहते हैं। क्या जेनरिक दवाई इथीकल दवाई से अलग होती है या यह भी वही दवाई है। जिन्हें हम प्रयोग करते हैं जेनेरिक दवाइयों के बारे में बहुत भ्रम भी है कि यह दवाइयां सस्ती होती हैं और घटीया स्तर की होती हैं।
Generic medicine
Generic medicineजेनरिक मेडिसिन क्या है।हम आज पर कुछ बातचीत करेंगे क्योंकि यह मुद्दा हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। दवाइयों के लिए हम कभी भी रिस्क नहीं ले सकते चाहे ,इसके लिए हमें कुछ पैसे ज्यादा ही देने पड़े। हम अच्छी क्वालिटी की दवाई लेना पसंद करते हैं। दोस्तों दवाई उद्योग में दो तरह की दवाइयां मानी जाती हैं। एक जेनरिक और दूसरी एथिकल,
- Ethical medicine
इन दवाइयों में फर्क क्या है दोस्तों सबसे पहले हम एथिकल दवाई के बारे में बात करेंगे। कोई कंपनी किसी ब्रांड को बनाती है ,उसके ऊपर रिसर्च करती है या किसी कंपनी से उस दवाई का पेटेंट हासिल करती है और इस दवाई को बनाने का अधिकार लेकर मार्केट में उतार देती है। उसकी पूरी क्वालिटी और सब कुछ की जिम्मेदारी ,उसी के कंपनी की होती है। यदि दवाई की क्वालिटी या दवाई से कोई नुकसान हुआ तो इसका सारी जिम्मेदारी उस कंपनी को लेने होती है।
- Generic medicine
Generic medicineजेनेरिक दवाई वो दवाई होती हैं, जो कोई भी कंपनी खुद नहीं बनाती केवल बेचती है। कई कंपनियां उन दवाइयों को बल्क के रूप में बनाते हैं और उनको बेच देते हैं. इन दवाइयों का या तो पेटेंट एक्सपायर हो जाता है या फिर होता ही नहीं है। वह दवाइयां साल्ट के नाम से बेची जाती हैं। जैसे पेरासिटामोल साल्ट जोकि एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है ,यानी बुखार और दर्द लिए प्रयोग की जाने वाली एक सामान्य दवाई है यह ब्रांड नेम क्रोसिन और डोलो नाम से भी आती है. लेकिन जेनेरिक में इसकी परिभाषा पेरासिटामोल ही है। वैसे तो जेनेरिक मेडिसिन पर कंपनी नाम भी रखती है जैसे पैरासीप और पैरा , .
Quality
वैसे तो यह दवाइयां वही दवाइयों का स्वरूप है। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर बनाने पर कोई जिम्मेदारी ना होने पर, इन दवाइयों की क्वालिटी कई बार हल्की भी होती है। लेकिन ऐसा नहीं के दवाइयां ना होकर कचरा हो ,आपको जानकर हैरानी होगी की 80% तक जो दवाइयों का बाजार है ,उसमें Generic medicineजेनेरिक दवाइयों का योगदान है। यानी आप और हम भी जेनेरिक दवाइयों का प्रयोग करते हैं और हमें पता भी नहीं है।
Pricing
दोस्तों कई जेनेरिक कंपनियों की दवाइयों की क्वालिटी अच्छी होती है और बहुत प्रयोग की जाती है लेकिन यह सोचना कि यह बहुत सस्ती होती हैं और हमे फायदा होता है, तो यह सोचना आपके लिए गलत है. इसमें फायदा केवल दुकानदार का है ,क्योंकि इनका प्रिंट 20 गुना से 50 गुना तक मिलता है। इनके ऊपर अंकित सही मूल्य नहीं होता। इसलिए हमारे लिए जेनेरिक दवाइयों का कोई ज्यादा मतलब नहीं है।
Profit
अब एथिकल दवाई के बारे में बात करते हैं। इन दवाइयों में कहा जाता है कि लाभ बहुत कम होता है। इनमें 5 से 10 पर्सेंट तक ही लाभ मिलता है। लेकिन दोस्तों इन दवाइयों में इनडायरेक्ट लाभ बहुत ज्यादा होता है। कंपनियों को डॉक्टर ,मेडिकल रिर्प्रेजेंटेटिव और दुकानदारों को बहुत बड़ा कमीशन देना पड़ता है ,व गिफ्ट देनी पड़ती है जिस कारण हमें इसका मुनाफा कम लगता है। Genric medicineजेनरिक दवाई और एथिकल दवाई दोनों के साल्ट सेम होते हैं। दोनों का काम भी एक ही होता है। लेकिन एथिकल दवाई आपको क्वालिटी की गारंटी दे सकती है। जबकि जेनेरिक दवाइयां भारत में ऐसा नहीं कर सकती।
Generic medical store
इसके अलावा प्रधानमंत्री जेनेरिक स्टोर जहां आपको ऐसी दवाइयां मिलती है। वैसे तो कुछ और भी है स्टोर दवाइयां बेचती है. आप इन दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं। यहां पर यह आपको बहुत कम दाम में मिल जाती हैं. आपको इन दोनों तरह की दवाइयों में मिलने वाले क्वालिटी, मैं बहुत ज्यादा फर्क तो नहीं लगता। लेकिन फर्क होता जरूर है।
Common
यदि जेनेरिक दवाइयों का मूल्य सही रखा जाए तो इससे करोड़ों गरीब लोगों को लाभ मिलेगा और हम लोगों का मेडिकल budget सीमित रहेगा .सरकार को और कंपनियों को इस दिशा में काम करना चाहिए .
आप क्या सोचते हैं?
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thanks for interest.